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सुरकंडा देवी मंदिर, देहरादून: आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम

उत्तराखंड की देवभूमि में स्थित सुरकंडा देवी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो देवी पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 2,757 मीटर (9,045 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और टिहरी गढ़वाल जिले के कद्दूखाल गाँव के पास आता है, जो मसूरी और चंबा के बीच में पड़ता है। देहरादून से इस मंदिर की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है।

पौराणिक महत्व
सुरकंडा देवी मंदिर का संबंध देवी सती से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा से है। कहा जाता है कि जब भगवान शिव सती के मृत शरीर को लेकर आकाश में विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने उनके दुख को समाप्त करने के लिए सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े कर दिए। जहां-जहां सती के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। माना जाता है कि सुरकंडा में सती का सिर गिरा था, और तभी से यह स्थान "सुरकंडा देवी" के नाम से जाना जाने लगा।

भव्य दर्शन और प्राकृतिक दृश्य
सुरकंडा देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को कद्दूखाल से लगभग 2 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। यह रास्ता घने जंगलों और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर है। जैसे-जैसे भक्त ऊपर चढ़ते हैं, हिमालय की चोटियाँ और चारों ओर फैली हरियाली उन्हें मंत्रमुग्ध कर देती है।

मंदिर परिसर से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसी पवित्र हिमालयी चोटियों के भी दर्शन होते हैं। सर्दियों में यह स्थान बर्फ से ढक जाता है, और मंदिर का दृश्य और भी आकर्षक हो जाता है।

धार्मिक आयोजन और पर्यटन
हर साल गंगा दशहरा और नवरात्रों के अवसर पर यहाँ विशेष मेले और पूजा-अर्चना होती है। इन दिनों यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। पर्यटकों के लिए यह स्थान ट्रैकिंग और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी बेहद खास है।

कैसे पहुँचे?
 1 निकटतम हवाई अड्डा: जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) – लगभग 90 किमी

 2 निकटतम रेलवे स्टेशन: देहरादून रेलवे स्टेशन – लगभग 75 किमी

 3 सड़क मार्ग: देहरादून, मसूरी और ऋषिकेश से टैक्सी या बस द्वारा कद्दूखाल पहुँचा जा सकता है।

निष्कर्ष
सुरकंडा देवी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह स्थान आध्यात्मिक शांति, पौराणिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मेल है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं, तो सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा अवश्य करें और इस पवित्र स्थल की दिव्यता का अनुभव करें।
 

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