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कणाताल की सैर: टिहरी का शांत और सुंदर रूप

उत्तराखंड की टिहरी ज़िला प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, और उसी की गोद में बसा है एक छोटा-सा, मगर बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल — कणाताल। समुद्र तल से लगभग 8500 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थान अपनी शांति, हरियाली और हिमालयी दृश्यों के लिए जाना जाता है।

प्रकृति के बीच सुकून
कणाताल उन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं जो शहरों की भीड़-भाड़ से दूर कुछ शांत और सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं। यहाँ की ठंडी हवा, ऊँचे देवदार के पेड़, और चारों ओर फैली हरियाली हर आगंतुक का मन मोह लेती है।

पर्यटन और रोमांच का संगम
कणाताल न सिर्फ शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ एडवेंचर के भी कई विकल्प मौजूद हैं।

-ट्रेकिंग: कद्दूखाल से सुरुंडा देवी मंदिर तक की ट्रेकिंग बेहद प्रसिद्ध है।

-कैम्पिंग: कणाताल में कई खूबसूरत कैंप साइट्स हैं जहाँ आप बोनफायर, स्टार गेज़िंग और लोकल संगीत का आनंद ले सकते हैं।

-जंगल सफारी: पास के कोडिया जंगल में जंगल सफारी का भी अनुभव लिया जा सकता है, जहाँ आपको जंगली जानवरों और रंग-बिरंगे पक्षियों की झलक मिलती है।

कपास जैसे बादल और हिमालयी दृश्य
यहाँ से दिखाई देने वाली हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ और तैरते हुए बादलों का दृश्य बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। सूरज की पहली किरण जब इन चोटियों पर पड़ती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो।

स्थानीय संस्कृति और खानपान
कणाताल में स्थानीय गढ़वाली संस्कृति की झलक साफ़ दिखती है। यहाँ के लोग बेहद मिलनसार हैं और पारंपरिक भोजन जैसे झंगोरा की खीर, गहत की दाल और मंडुए की रोटी पर्यटकों को खासा पसंद आती है।

कैसे पहुंचें?
-सड़क मार्ग: देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी से कणाताल सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

-रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो कणाताल से लगभग 75 किमी दूर है।

-हवाई मार्ग: जॉलीग्रांट हवाई अड्डा (देहरादून) सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
 

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