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सपनों की ऊँचाई पर चम्पावत का वीरेंद्र, माउंट एवरेस्ट पर हासिल की जीत

चम्पावत, उत्तराखंड — उत्तराखंड के छोटे से जिले चम्पावत से ताल्लुक रखने वाले वीरेंद्र ने अपने हौसलों और कठिन परिश्रम से वह कारनामा कर दिखाया है, जिसकी कल्पना करना भी हर किसी के बस की बात नहीं। वीरेंद्र ने दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर चम्पावत और पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है।

वीरेंद्र, जो कि एक सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं, बचपन से ही पर्वतारोहण के शौकीन रहे हैं। कठिन परिस्थितियों, सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया। अपने जूनून और समर्पण के बल पर उन्होंने पर्वतारोहण की कड़ी ट्रेनिंग ली और अंततः मई 2025 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया।

इस महान उपलब्धि के बाद वीरेंद्र ने कहा, "यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं है, यह चम्पावत और उत्तराखंड के हर उस युवा की प्रेरणा है जो अपने सपनों के पीछे जी-जान से मेहनत करता है।"

वीरेंद्र की इस सफलता पर पूरे राज्य में खुशी की लहर है। उत्तराखंड सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है। उनके गांव में भी जश्न का माहौल है, जहां लोग ढोल-नगाड़ों के साथ वीरेंद्र के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।

वीरेंद्र की कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। उनके इस साहसिक कारनामे से न केवल युवाओं को प्रेरणा मिली है, बल्कि उत्तराखंड की धरती एक और गौरवशाली क्षण की साक्षी बनी है।

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