राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री ने किया ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का उद्घाटन “उत्तराखंड की पहचान है वीरता और समर्पण से -मुख्यमंत्री
06-Nov-2025 | जीवनशैली, उत्तराखंड, Dehradun, Rishikesh, Haridwar, Roorkee, Almora, Nanital, Tehri Garhwal, Pauri Gharwal, Kumaon, Uttarkashi, Chamoli | By Sristiमुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर हल्द्वानी के एम.बी.पी.जी. कॉलेज प्रांगण में आयोजित ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरांगनाओं एवं उनके परिजनों द्वारा प्रतिभाग किया गया।मुख्यमंत्री ने उपस्थित पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर राज्य निर्माण व राष्ट्र सेवा में उनके योगदान के लिये सभी का अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उसके घर से कोई न कोई भारत माता की सेवा में समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वास्तव में वीरभूमि है, जहाँ की माटी में ही राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना रची-बसी है।
मुख्यमंत्री धामी ने की सैनिक कल्याण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि हर सैनिक परिवार तक योजनाओं का लाभ सहज रूप से पहुँच सके।उन्होंने कहा कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों एवं आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा, जिससे पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों की नारियों को आवासीय भवन निर्माण हेतु दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में सैनिकों के 150 बच्चों के लिए एक आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, जिससे सैनिक परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
सैनिक कभी ‘पूर्व’ नहीं होता, वह सदैव सैनिक रहता है-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सैनिकों का जीवन अनुशासन, समर्पण और बलिदान की मिसाल है। उन्होंने कहा कि “सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्र विरोधी सोच का कोई स्थान नहीं है और आज भारत में सभी जरूरी सैन्य उपकरण देश में ही बनाए जा रहे हैं तथा भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। ऑपरेशन सिंधु मेघ में स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का भी उन्होंने जिक्र किया।
सम्मेलन में जनपद नैनीताल की 31 तथा ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
“वीर नारियों का सम्मान पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण”-सैनिक कल्याण मंत्री
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि यह दिन उत्तराखंड के लिए गर्व और भावनाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि ने देश को अनेक वीरता पदक विजेता दिए हैं, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित वीर, जो सदैव हमारी प्रेरणा हैं।उन्होंने कहा कि आज की वीर नारियों और वीरांगनाओं का सम्मान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का पंचम धाम, सैन्य धाम का शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा। वीरता पदक प्राप्त सैनिकों को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा दी गई है तथा प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 22 हजार से अधिक सैनिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में छात्रावास निर्माण हेतु गन्ना सेंटर के समीप 6.4 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है और मुख्यमंत्री द्वारा इसका शिलान्यास शीघ्र किया जाएगा।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और सरकार सैनिकों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री महेन्द्र भट्ट, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री रामसिंह कैड़ा, डॉ. मोहन बिष्ट, मेयर श्री गजराज बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दीपा दरम्वाल, जिलाध्यक्ष श्री प्रताप बिष्ट, दर्जा राज्य मंत्री श्री नवीन वर्मा, श्री सुरेश भट्ट, श्री अनिल कपूर (डब्बू), श्री शंकर कोरंगा, कुमाऊँ आयुक्त दीपक रावत, डीएम ललित मोहन रयाल, एसएसपी मंजूनाथ टीसी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

